Cyber Crime Financial Fraud:
Cyber Crime Financial Fraud: ‘दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में काम कर रहे एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के पास क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का फोन आया. उन्होंने बातचीत की और उससे अचानक दो लाख रुपये का ट्रांजेक्शन हो गया और लिमिट बढ़ी नहीं. टेंशन में दो दिन गुजर गए, तीसरे दिन इसकी शिकायत पुलिस में दे दी. फिर वे बैंक भी गए. खूब चक्कर काटे, पड़ताल की लेकिन पैसा वापस नहीं मिला’…
‘जबकि इन्हीं डॉक्टर के एक नजदीकी के पास एक फोन आया और अकाउंट से 50 हजार रुपये उड़ गए. उन्होंने उसी दिन बैंक और पुलिस में दोनों जगह शिकायत की. कुछ दिनों में उनका पूरा पैसा वापस मिल गया’….
अब सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? ऑनलाइन फ्रॉड तो दोनों के साथ हुआ, फिर एक को पूरा पैसा मिल गया, दूसरे को नहीं, ऐसा क्यों? आपके इस सवाल का जवाब आज हम आपको विस्तार से देने जा रहे हैं.
आजकल जितना ऑनलाइन फ्रॉड बढ़ रहा है, भारतीय रिजर्व बैंक ग्राहकों के पैसे को बचाने के लिए उतने ही कड़े सेफ्टी रूल्स बना रहा है और समय समय पर सर्कुलर जारी करता रहता है. अगर आपके साथ कोई भी फ्रॉड होता है तो आपको पैसा मिल सकता है, लेकिन आपको आरबीआई की इन शर्तों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है.
कब मिलता है पैसा वापस?
आरबीआई के अनुसार अगर किसी जानकारी के अभाव में, बैंक की कमी या अन्य किसी तरीके से फ्रॉड हो जाता है, फिर वह चाहे फोन से, नेट बैंकिंग से, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड से या ऑनलाइन पेमेंट गेटवे से होता है, तो शिकायत के बाद पैसा मिल सकता है. इसके अलावा अगर किसी थर्ड पार्टी ब्रीच के चलते, सिस्टम के चलते अकाउंट से पैसा जाता है, जिसमें न बैंक और न ही कस्टमर की गलती होती है, तो भी पैसा वापस मिल जाता है. Cyber Crime Financial Fraud
लेकिन है ये शर्त..
हालांकि आरबीआई ने अपनी गाइडलाइंस में यह स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर किसी के साथ फ्रॉड होता है तो घटना के 3 दिन के अंदर बैंक को इसकी सूचना लिखित में देनी ही होगी. अगर कस्टमर 4 से 7 दिन के भीतर बैंक को सूचित करता है, तो भी कुछ संभावना रहती है कि पैसा रिफंड हो सके, लेकिन उसके लिए भी लिमिटेशंस हैं. इसके बाद सूचना देने पर बैंक बोर्ड की जो भी नीति होती है, उसके अनुसार ही चीजें होंगी. Cyber Crime Financial Fraud
क्या कहते हैं एक्सपर्ट, कैसे दें सूचना?
हालांकि दिल्ली पुलिस के साइबर एक्सपर्ट किसलय चौधरी कहते हैं कि भले ही आरबीआई की ये गाइडलाइंस हैं लेकिन कई बार बैंक इन्हें मानने में आनाकानी करते हैं और एक तय समय निकल जाने के बाद कस्टमर को उसका पैसा वापस नहीं मिल पाता है. Cyber Cr ime Financial Fraud
चौधरी सलाह देते हैं कि ऑनलाइन फ्रॉड के बाद सिर्फ बैंक को सूचित करने से ही काम नहीं चलता है. इसका पूरा प्रोसेस जानना भी जरूरी है.अगर आपको पैसा वापस चाहिए तो आपको ये 3 चीजें करनी चाहिए.
- ऑनलाइन फ्रॉड होने पर, उसी दिन सबसे पहले नजदीकी पुलिस स्टेशन में फ्रॉड की लिखित शिकायत दें. अगर एफआईआर हो जाए तो ठीक, न हो तो शिकायत करके उसकी रिसीविंग ले लें.
- फ्रॉड वाले ही दिन या अगले दिन कोशिश करें कि पुलिस की रिसीविंग को लेकर अपने बैंक में जाएं. वहां फ्रॉड की एप्लिकेशन लिखें और पुलिस की रिसीविंग को जोड़कर जमा कर दें.
- तीसरा जो जरूरी स्टेप है, वह ये है कि दोनों कॉपी की सॉफ्ट कॉपी को आरबीआई की इमेल आईडी crpc@rbi.org.in पर, सीसी में अपने बैंक का इमेल आईडी डालकर तुरंत भेज दें. यह काम आप जितना जल्दी कर दें, आपके पैसे वापस आने की संभावना उतनी बढ़ जाती है. इसे 3 दिन के अंदर करना अनिवार्य है.
कितने दिन में मिल जाता है पैसा?
किसलय कहते हैं कि एक बार आरबीआई के पास सूचना जाने के बाद बैंक अपना काम ठीक से करते हैं, इतना ही नहीं पुलिस कंप्लेन भी है तो कस्टमर की तरफ से पूरी फॉर्मेलिटी हो जाती है. फिर आपको कहीं भागने-दौड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसके 3 से 21 दिन के भीतर आपको पैसा वापस मिल जाता है. Cyber Crime Financial Fraud
किसे नहीं मिलता पैसा वापस?
किसलय कहते हैं कि जो लोग अधिकतम 7 दिन के बाद बैंक और पुलिस को सूचना देते हैं, या इनमें से एक को देते हैं, उनका पैसा वापस नहीं मिल पाता है.
अगर किसी ने बिटकॉइन, ऑनलाइन करेंसी, ऑनलाइन गेम्स या सट्टा आदि में पैसा गंवाया है तो वह पैसा वापस नहीं मिलता है.
अगर किसी ने जानबूझकर ट्रांजेक्शन किया है और बैंक के सूचित करने के बाद भी लापरवाही की है, तो भी पैसा वापस नहीं मिलता है.